रिव्यू की प्राथमिकता तय करने में टेक्नोलॉजी कैसे काम आती है
अपडेट किया गया 19 जन 2022
भले ही संभावित रूप से उल्लंघन करने वाले कंटेंट की रिपोर्ट लोग करें या Meta की टेक्नोलॉजी इसका पता लगाए, ऑटोमेशन से हमें कंटेंट को तुरंत ऐसे रिव्यूअर के पास भेजने में मदद मिलती है, जिनके पास विषय की सही जानकारी और भाषा की विशेषज्ञता होती है.
इसके बाद, हम टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कंटेंट की रैंक और प्राथमिकता तय करते हैं, ताकि हमारी रिव्यू टीमें सबसे महत्वपूर्ण मामलों पर पहले ध्यान दे सकें. इसमें ऐसा कंटेंट शामिल होता है जिसकी वजह से लोगों को ऑफ़लाइन नुकसान हो सकता है, जैसे कि आतंकवाद और आत्महत्या से जुड़ी पोस्ट और हमारी पॉलिसी का उल्लंघन करने तथा बड़ी ऑडियंस तक पहुँचने की क्षमता रखने वाला वायरल कंटेंट.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि रिव्यू टीम को सही फ़ैसला लेने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा समय मिले, हम अपनी टेक्नोलॉजी और प्रोसेस में हमेशा सुधार करते रहते हैं.
कंटेंट एन्फ़ोर्समेंट के लिए रिव्यू टीमें क्यों ज़रूरी हैं
हमारी कम्युनिटी किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए, हमारी टेक्नोलॉजी और रिव्यू टीम से जुड़े लोग हमेशा साथ में मिलकर काम करते हैं. यहाँ कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनसे रिव्यूअर हमारी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके हमारे कंटेंट एन्फ़ोर्समेंट से जुड़े पूरे सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं.
हमारी टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग
जब रिव्यूअर किसी कंटेंट के बारे में फ़ैसला लेते हैं, तो वे साथ-साथ हमारी टेक्नोलॉजी को भी ट्रेनिंग देते हैं और उसे बेहतर बनाते हैं, ताकि इससे आगे चलकर ऐसे ही अन्य कंटेंट का पता लगाने में मदद मिले. लोगों और टेक्नोलॉजी का यह फ़ीडबैक लूप, हमारे सिस्टम को अपडेट बनाए रखने के लिए ज़रूरी है.
हमारी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिद्म को बेहतर बनाना
उल्लंघन करने वाले कंटेंट का रिव्यू करते समय, रिव्यू टीम उस पॉलिसी को मैन्युअल तरीके से लेबल करती है जिससे उन्हें फ़ैसला लेने में मदद मिली. इसका मतलब यह है कि वे उस पॉलिसी को मार्क करती हैं, जिसके कंटेंट, अकाउंट या व्यवहार से उल्लंघन हुआ है. इस लेबल किए गए महत्वपूर्ण डेटा से हमें हमारी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिद्म की क्वालिटी बढ़ाने में मदद मिलती है, जो आगे रहकर नुकसानदेह कंटेंट को खोज निकालते हैं.
मुश्किल फ़ैसले लेना
हमारी टेक्नोलॉजी खास तौर से 2 मामलों बहुत ही कारगर है: बार-बार होने वाले उल्लंघनों का पता लगाना और बहुत ही आपत्तिजनक कंटेंट या अनुचित कंटेंट को पहचानना. लेकिन जब इस बारे में बहुत ज़्यादा अस्पष्टता, जटिलता या बारीकियाँ हों कि हमारी पॉलिसी किसी कंटेंट पर लागू होती हैं या नहीं, तो टेक्नोलॉजी के मुकाबले रिव्यूअर ज़्यादा अच्छे फ़ैसले लेते हैं.